जब तक कोरोना का वैक्सीन ना बन जाए तब तक तो कोरोनावायरस की स्थिति कभी ना ख़त्म होने जैसी ही लगती है। इस दौरान, वर्चुअल एजुकेशन दुनिया भर में काफी बड़ी चीज होने वाली है। मतलब, ई-लर्निंग इस उद्योग के लिए बहुत बड़ा लाभ साबित होने वाला है।
इसी तरह का एक मोबाइल ऐप है पॉकेट स्टडी, जो ई-लर्निंग अनुभव को बढ़ाने और छात्रों व शिक्षकों के बीच के अंतर को कम करने के लिए काम कर रहा है।
पॉकेट स्टडी क्या है ?
पॉकेट स्टडी एक मोबाइल ऐप आधारित पढ़ाने और सीखने का ऑनलाइन प्लेटफार्म है। यहां एक तरफ जहां, शिक्षक कंटेंट को ऑडियो फ्लैशकार्ड, वीडियो और लर्निंग मेटेरियल के रूप में शेयर कर सकते हैं। वहीँ, दूसरी तरफ छात्र ऐप के माध्यम से किसी भी समय इस लर्निंग मेटेरियल का उपयोग कर सकेंगे। इन मेटेरियल के साथ-साथ, पढाई को और आसान बनाने के लिए इस प्लेटफॉर्म पर छात्रों के लिए वर्चुअल क्लासेज भी आयोजित की जा रही हैं।
इस पहल के पीछे के लोगों को जानिए
पॉकेट स्टडी की स्थापना रचित दवे, रुतविज वोरा और राज कोठारी ने की है। ये तीनों संस्थापक बिड़ला विश्वकर्मा महाविद्यालय, आनंद (गुजरात) से इंजीनियरिंग स्नातक हैं। पॉकेट स्टडी को लॉन्च करने से पहले, इन्होंने MyClassCampus को भी लॉन्च किया है, जो शिक्षण संस्थानों को डिजिटल होने में मदद करने के लिए एक ऑपरेटिंग सिस्टम है।
दूसरे प्रोडक्ट से कैसे अलग है पॉकेट स्टडी? जानिए इसके ख़ास उपलब्धि
बाजार में इस तरह के कई ट्रेडिशनल शिक्षण प्रबंधन प्रणालियां हैं। हालाँकि, पॉकेट स्टडी का उद्देश्य मोबाइल ऐप्स के माध्यम से लर्निंग मेटेरियल को सबसे आसान और प्रभावी तरीके से बनाना और साझा करना है। इसमें शॉर्ट रिवीजन केंद्रित फ्लैशकार्ड बनाने के लिए एक दिलचस्प ऑडियो तकनीक है जो ई-शिक्षा उद्योग में भी अद्वितीय है। इसके अलावा, एक दिलचस्प इंटरैक्टिव वर्चुअल क्लासरूम मॉड्यूल है जहां शिक्षक लाइव इंटरेक्टिव कक्षाएं ले सकते हैं।
आजकल देश और दुनिया में कोरोनावायरस की वजह से स्कूल और कोचिंग क्लासेस ऑनलाइन शिक्षण के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सॉफ्टवेयर का उपयोग कर रहे हैं जो कि मुख्य रूप से शैक्षिक संस्थान केंद्रित नहीं हैं इसलिए अंततः MyClassCampus ने हर प्रकार के शिक्षण संस्थानों के लिए ऑनलाइन शिक्षण टूल का विकसित करने की कोशिश की है जहाँ शिक्षक ऑडियो के रूप में लर्निंग मेटेरियल अपलोड कर सकते हैं। इतना ही नहीं, इस टूल में वीडियो, फ्लैशकार्ड के अलावा शिक्षक लाइव कक्षाएं भी ले सकते हैं। मीटिंग आईडी और पासवर्ड साझा करने की कोई परेशानी नहीं है, यहां तक कि ऑनलाइन लेक्चर वीडियो भी रिकॉर्ड किए जा सकते हैं और छात्रों के साथ शेयर भी किए जा सकते हैं यदि किसी ने क्लास या लेक्चर मिस किया हो।
पॉकेट स्टडी के आईडिया को जमीनी स्तर पर लाने के पीछे क्या विचार था? क्या कोई चुनौतियां थीं?
पॉकेट स्टडी के आईडिया को जमीनी स्तर पर लाने के लिए उनके दिमाग में कई विचार आए। हालांकि, ये तीनों फाउंडर एक ऐसा प्लेटफार्म का निर्माण करना चाहते थे, जो शिक्षकों के साथ-साथ छात्रों के लिए एक आसान और सुलभ हो और एजुकेशन एप्लिकेशन के बीच पसंदीदा हो। यह विचार एक ऐसा प्लेटफॉर्म लाने का था जो क्विक क्वालिटी रिवीजन सेंट्रिक कंटेंट हो और हर जगह उपयोग किया जा सके।
फाउंडर कहते हैं कि,
“हमलोग कुछ ऐसा प्लेटफार्म बनाना चाहते थे जो टीचर्स के लिए कंटेंट बनाने और शेयर करने में आसान हो। आसान और इंटरेस्टिंग इंटर्फ़ेस के साथ एक मापनीय तकनीक का निर्माण सबसे बड़ी चुनौती थी। हालांकि, अत्यधिक मेहनत और लाखों यूजर्स की मदद की चाह ने इसे संभव बनाया। “
क्या फिलहाल किसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है?
मूल रूप से, भारत में लाखों शैक्षणिक संगठन हैं। सीमित मार्केटिंग बजट और छोटे कंपनी होने के नाते कई पोटेंशियल यूज़र्स तक पहुंचना बहुत मुश्किल हो जाता है। फिलहाल, हमारी एकमात्र चुनौती देश भर में अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने और छात्रों की मदद करने में सक्षम होना है।
पॉकेट स्टडी अस्तित्व में कैसे आई?
“शैक्षिक संगठनों को MyClassCampus को बढ़ावा देने के दौरान, हमने महसूस किया कि शिक्षक छात्रों के साथ लर्निंग मेटेरियल को साझा करना चाहते हैं, लेकिन ऐसा करने के लिए उनके पास उचित रूप से व्यवस्थित प्लेटफॉर्म की पहुंच नहीं है। वे जरुरी सामग्री साझा करने के लिए Google ड्राइव, व्हाट्सएप या ईमेल का उपयोग करते हैं। ” जबकि, छात्रों के पास वीडियो प्लेटफ़ॉर्म सीखने आदि की पहुंच है। लेकिन वो लर्निंग मेटेरियल लंबे हैं और किसी ख़ास फॉर्मेट में है। इस प्रकार, वे क्विक रिवीजन की जरूरतों आवश्यकता को पूरा नहीं कर पाते हैं।
इसलिए, इस गैप को ख़त्म करने के लिए यह प्लेटफार्म इस समय की ज़रूरत थी। इसके लिए, कोविड-19 लॉकडाउन से पहले ही काम शुरू किया गया था। आगे उन्होंने कहा कि,
“कोविड के दौरान होने वाली लॉकडाउन ने हमारे कॉन्फिडेंस को बूस्ट किया और हमने इसके लिए जीतोड़ मेहनत किया और इस अप्रैल के महीने में लॉन्च किया। हमलोग के लिए आश्चर्य की बात तो तब हुई जब दो सप्ताह के भीतर ही इस हम 25,000 यूज़र्स को क्रॉस कर गए, और साप्तहिक 3 लाख से अधिक एप डाउनलोड होने लगे।”
पॉकेट स्टडी इस लॉकडाउन अवधि में छात्रों के लिए एक वरदान रही है और उम्मीद है कि भविष्य में भी इसी तरह से आश्चर्यजनक रूप से काम करती रहेगी।
कंपनी का नाम: हेक्सागॉन इन्नोवेशंस प्रा. लि.
प्रोडक्ट का नाम:
1.माय क्लास कैंपस: स्कूल / इंस्टिट्यूट मैनेजमेंट के लिए सभी कुछ एक ही ईआरपी सॉफ्टवेयर में
2. पॉकेट स्टडी: आसानी से पढ़ने और सीखने वाली एप
प्लेस्टोर लिंक: https://play.google.com/store/apps/details?id=com.myclasscampus.pocketstudy
वेबसाइट लिंक: https://pocketstudy.app/product
1. माय क्लास कैंपस: https://www.myclasscampus.com
2. पॉकेट स्टडी: https://pocketstudy.app