देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और अब इनकी संख्या 4000 के पार चली गई है। कोरोना को देखते हुए देश में 21 दिन के लिए लॉकडाउन लागू है। इसकी वजह से गांवों, कस्बों और शहरों में लोगों की जिंदगी बाधित हुई है, लोगों की आजीविका और यातायात पर हुए असर की वजह से बहुत से मजदूर जो बेहतर जिंदगी की तलाश में शहर आए थे, वे या तो पैदल घर जाने लगे हैं या फिर उनके पास खाने को नहीं है।
नया फीचर लाया Google
ऐसे लोगों की मदद के लिए गूगल ने अपने मैप्स और सर्च के साथ गूगल असिस्टेंट में भी नया फीचर ऐड किया है। जहां आपको भारत के 30 शहरों के पब्लिक फूड शेल्टर और नाइट शेल्टर यानी रैन बसेरों का पता चल जाएगा।
गूगल मैप के इस नए फीचर का उद्देश्य COVID-19 यानी कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन से प्रभावित नागरिकों की मदद करना है। फिलहाल, यह अंग्रेजी भाषा में ही उपलब्ध है। हालांकि, इस पर काम चल रहा है, ताकि अंग्रेजी के साथ-साथ इसका इस्तेमाल हिंदी भाषा में भी किया जा सके।
इसके लिए बस आपके फोन में गूगल मैप्स ऐप होना चाहिए, जिसपर आप अपने नजदीकी फूड शेल्टर और रैन बसेरों को सर्च कर सकते हैं। इसका लाभ आप KaiOS आधारित फीचर फोन पर भी उठा सकते हैं, जैसे कि जियो फोन। गूगल ने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी है, कंपनी ने बताया कि इसके लिए वह MyGovIndia के साथ काम कर रही है।
Working closely with @mygovindia, we are now surfacing locations of food shelters & night shelters on Google Maps, Search and Google Assistant, to help migrant workers & affected people across cities.
Please help this reach those who need it most.@PMOIndia @GoI_MeitY @rsprasad pic.twitter.com/g9LwYfikrW
— Google India (@GoogleIndia) April 6, 2020
कैसे करें इसका इस्तेमाल?
इसका इस्तेमाल करना भी बेहद आसान है। जिसके लिए आपको गूगल मैप्स, गूगल सर्च या फिर गूगल असिस्टेंट पर जाकर, Food shelters in <शहर का नाम> या Night shelters in <शहर का नाम> डालकर सर्च करना है। रिजल्ट आपको तुरंत दिखाया जएगा। शुरुआती रूप में यह सुविधा अंग्रेजी भाषा में ही है, लेकिन आने वाले दिनों में जल्द ही आप इसके लिए हिंदी भाषा का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
कंपनी ने यह भी कहा कि वह जल्द ही एक क्विक एक्सेस शॉर्टकट शामिल करेगी। जो कि सर्च बार या पिन के नीचे दिया होगा जिससे लोगों को Maps पर फूड और नाइट शेल्टर की जगह का पता लगाने में आसानी होगी।
जरूरतमंद लोगों के पास नहीं हैं स्मार्टफोन्स, फिर कैसे..?
यह पहल इस बात को सुनिश्चित करने के लिए है कि सभी लोगों की खाने और शेल्टर की पहुंच रहे। क्योंकि बहुत से जरूरतमंद लोगों के पास स्मार्टफोन्स या मोबाइल का एक्सेस नहीं हो सकता है। इसके अलावा, जिन लोगों को फूड शेल्टर या फिर रैन बसेरों की जरूरत पड़ती है, उनमें से ज्यादातर लोगों स्मार्टफोन यूज़र्स नहीं होते हैं, गूगल ने इस बात का भी ध्यान रखा और यह पुख्ता किया कि यह सुविधा हर जरूरतमंद तक पहुंचे, इसके लिए गूगल ने इस सुविधा को जियो फोन जैसे फीचर फोन के लिए भी ज़ारी किया है। मालूम हो कि, जियो फोन में गूगल असिस्टेंट एक्सेस उपलब्ध होता है।
गूगल इंडिया के सीनियर प्रोग्राम मैनेजर अनल घोष का कहना है कि जरूरतमंदों तक इस सुविधा की जानकारी पहुंचाने के लिए एनजीओ, ट्रैफिक अथॉरिटी, वॉलेनटियर्स का सहारा लिया जा रहा है, ताकि यह जरूरी सुविधा हर जरूरतमंद तक पहुंचे जिसके पास स्मार्टफोन एक्सेस न हो। गूगल इसमें न केवल ज्यादा भाषाओं को शामिल करने पर काम कर रही है बल्कि आने वाले दिनों में इसमें और शहरों के शेल्टर्स को जोड़ा जाएगा।
कंपनी ने कोरोना से संबंधित कई कदम लिए
कोरोना वायरस की महामारी के दौरान गूगल ने अपने स्तर पर कई ऐसे कदम लिए हैं जिससे इस बात को सुनिश्चित किया जा सके कि लोग बीमारी के बारे में जागरूक हैं और उनके पास अपने स्तर पर इसके खिलाफ लड़ने के लिए जरूरी जानकारी है।
While you #StayAtHome, here’s one place you can go to for all updates, tips and information on #COVID19 https://t.co/L0N77YVKiq
— Google India (@GoogleIndia) April 3, 2020
टेक कंपनी ने अलग से वेबसाइट बनाई है जिसमें केवल विश्वसनीय जानकारी है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और दुनिया भर की स्थानीय स्वास्थ्य अथॉरिटी से ली गई है, जिससे लोगों को बीमारियों के बारे में कोई गलत जानकारी न मिले।