इस बिज़नेस में होगी सालाना 10 लाख रुपए की कमाई, शुरुआत करने के लिए केंद्र सरकार की भी मिलेगी मदद

आज हम आपको ऐसे एक बिज़नेस के बारे में बता रहे हैं, जिसमें निवेश ज्यादा होने के साथ ही मुनाफा भी ज्यादा मिल रहा है। और, दूसरी बात यह है कि यह बिज़नेस MSME स्कीम से भी जुड़ा हुआ है मतलब इसके तहत बिज़नेस शुरु करने पर केंद्र सरकार से मदद भी मिलती है। सरकार से बिज़नेस स्ट्रक्चर के हिसाब से आपको इस बिज़नेस से सालाना 10 लाख रुपए तक प्रॉफिट हो सकता है।

देश भर में फैले कोरोना वायरस की वजह से कई सारे लोगों को अपना रोज़गार गंवाना पड़ा है। ऐसी स्थिति में लोगों के बीच अब खुद की रोजगार की ललक बढ़ती दिखाई दे रही है। और हो भी क्यूं ना। दरअसल, बिजनेस एक ऐसा पेशा है जिसका क्रेज हर जमाने में लोगों के बीच रहा है। चूंकि, किसी भी बिजनेस को शुरु करने में सबसे पहले निवेश की जरुरत पड़ती है इसलिए आपके मन में भी यह सवाल आ रहा होगा कि आखिर पैसे कितने लगेगें ? और, मुनाफा कितना होगा ? तो घबराईए नहीं, हम आपके इन सभी सवालों का जवाब लेकर आये हैं।

अन्य देशों की तरह भारत में भी बीते कुछ सालों से युवाओं के बीच नौकरी की छोड़कर स्टार्ट अप अपना खुद का बिज़नेस शुरु करने का क्रेज देखा गया है। जैसा कि आप भी जानते होंगे कि किसी भी कारोबार को शुरु करने में होने वाले निवेश और उससे आने वाली मुनाफे की खासी अहमियत होती है।

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आज हम आपको ऐसे एक बिज़नेस के बारे में बता रहे हैं, जिसमें निवेश ज्यादा होने के साथ ही मुनाफा भी ज्यादा मिल रहा है। और, दूसरी बात यह है कि यह बिज़नेस MSME स्कीम से भी जुड़ा हुआ है मतलब इसके तहत बिज़नेस शुरु करने पर केंद्र सरकार से मदद भी मिलती है। सरकार से बिज़नेस स्ट्रक्चर के हिसाब से आपको इस बिज़नेस से सालाना 10 लाख रुपए तक प्रॉफिट हो सकता है।

शुरू करें यह बिजनेस

जैसा कि आप जानते है, भारत में इस समय ट्रेंडी और स्टाइलिस फुटवियर की डिमांड काफी बढ़ी हुई है। फुटवियर की बढ़ती डिमांड के बीच इस सेक्टर में आप अच्छा करियर बना सकते हैं। मतलब, आप फुटवियर की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट शुरू कर अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं। इस बिज़नेस में पॉजिटिव बात यह है कि, डिमांड काफी रहने से आपका कारोबार सफल होने की उम्मीद भी ज्यादा है। इतना ही नहीं, इसमें खास बात है कि इस बिजनेस के लिए सरकार अपनी मुद्रा स्कीम के तहत कारोबारियों को सपोर्ट भी कर रही है।

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बिजनेस कॉस्ट को समझिए

आइए समझते हैं, फुटवियर मैन्युफैक्चरिंग का बिजनेस शुरू होने में पूरा खर्च तो वैसे 41.32 लाख रुपए आंका गया है। लेकिन, घबराने की जरुरत नहीं है क्यूँकि इसमें से आपको खुद के पास से सिर्फ 16.32 लाख रुपए ही निवेश करना होगा।

जमीन- 4 लाख रुपए
बिल्डिंग- 8 लाख रुपए
प्लांट एंड मशीनरी- 19,85,990 रुपए
इलेक्ट्रिफिकेशन- 96,610 रुपए
प्री ऑपरेशन खर्च- 35,000 रुपए
अन्य खर्च- 33,000 रुपए
वर्किंग कैपिटल- 7,81,450 रुपए
कुल- 41,32,050 रुपए

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लोन देकर सपोर्ट करेगी सरकार

वर्किंग कैपिटल लोन – 3 लाख रुपए
टर्म लोन – 22 लाख रुपए

ये सरकारी लोन मुद्रा स्कीम के तहत किसी भी बैंक से आसानी से हो जाएगा।

जानिए कैसे होगा प्रॉफिट

16.32 लाख रुपए के निवेश पर जो एस्टीमेट तैयार किया गया है, उस लिहाज से मंथली टर्नओवर 9,07,050 रुपए हो सकता है।

कॉस्ट ऑफ प्रोडक्शन – 8,26,080 रुपए मंथली
नेट प्रॉफिट – 80,970 रुपए मंथली
सालाना बिक्री – 108.90 लाख रुपए
सालाना प्रॉफिट – 9.72 लाख रुपए

कोरोना संकट और लॉक डाउन में Google का कमाल, ऐसे कर रहा है परेशान और भूखे लोगों की मदद

गूगल के इस नए फीचर का उद्देश्य कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन से प्रभावित नागरिकों की मदद करना है। फिलहाल, यह अंग्रेजी भाषा में ही उपलब्ध है। हालांकि, इस पर काम चल रहा है, ताकि इसका इस्तेमाल हिंदी भाषा में भी किया जा सके।

देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और अब इनकी संख्या 4000 के पार चली गई है। कोरोना को देखते हुए देश में 21 दिन के लिए लॉकडाउन लागू है। इसकी वजह से गांवों, कस्बों और शहरों में लोगों की जिंदगी बाधित हुई है, लोगों की आजीविका और यातायात पर हुए असर की वजह से बहुत से मजदूर जो बेहतर जिंदगी की तलाश में शहर आए थे, वे या तो पैदल घर जाने लगे हैं या फिर उनके पास खाने को नहीं है।

नया फीचर लाया Google

ऐसे लोगों की मदद के लिए गूगल ने अपने मैप्स और सर्च के साथ गूगल असिस्टेंट में भी नया फीचर ऐड किया है। जहां आपको भारत के 30 शहरों के पब्लिक फूड शेल्टर और नाइट शेल्टर यानी रैन बसेरों का पता चल जाएगा।

गूगल मैप के इस नए फीचर का उद्देश्य COVID-19 यानी कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन से प्रभावित नागरिकों की मदद करना है। फिलहाल, यह अंग्रेजी भाषा में ही उपलब्ध है। हालांकि, इस पर काम चल रहा है, ताकि अंग्रेजी के साथ-साथ इसका इस्तेमाल हिंदी भाषा में भी किया जा सके।

इसके लिए बस आपके फोन में गूगल मैप्स ऐप होना चाहिए, जिसपर आप अपने नजदीकी फूड शेल्टर और रैन बसेरों को सर्च कर सकते हैं। इसका लाभ आप KaiOS आधारित फीचर फोन पर भी उठा सकते हैं, जैसे कि जियो फोन। गूगल ने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी है, कंपनी ने बताया कि इसके लिए वह MyGovIndia के साथ काम कर रही है।

कैसे करें इसका इस्तेमाल?

इसका इस्तेमाल करना भी बेहद आसान है। जिसके लिए आपको गूगल मैप्स, गूगल सर्च या फिर गूगल असिस्टेंट पर जाकर, Food shelters in <शहर का नाम> या Night shelters in <शहर का नाम> डालकर सर्च करना है। रिजल्ट आपको तुरंत दिखाया जएगा। शुरुआती रूप में यह सुविधा अंग्रेजी भाषा में ही है, लेकिन आने वाले दिनों में जल्द ही आप इसके लिए हिंदी भाषा का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

कंपनी ने यह भी कहा कि वह जल्द ही एक क्विक एक्सेस शॉर्टकट शामिल करेगी। जो कि सर्च बार या पिन के नीचे दिया होगा जिससे लोगों को Maps पर फूड और नाइट शेल्टर की जगह का पता लगाने में आसानी होगी।

जरूरतमंद लोगों के पास नहीं हैं स्मार्टफोन्स, फिर कैसे..?

यह पहल इस बात को सुनिश्चित करने के लिए है कि सभी लोगों की खाने और शेल्टर की पहुंच रहे। क्योंकि बहुत से जरूरतमंद लोगों के पास स्मार्टफोन्स या मोबाइल का एक्सेस नहीं हो सकता है। इसके अलावा, जिन लोगों को फूड शेल्टर या फिर रैन बसेरों की जरूरत पड़ती है, उनमें से ज्यादातर लोगों स्मार्टफोन यूज़र्स नहीं होते हैं, गूगल ने इस बात का भी ध्यान रखा और यह पुख्ता किया कि यह सुविधा हर जरूरतमंद तक पहुंचे, इसके लिए गूगल ने इस सुविधा को जियो फोन जैसे फीचर फोन के लिए भी ज़ारी किया है। मालूम हो कि, जियो फोन में गूगल असिस्टेंट एक्सेस उपलब्ध होता है।

गूगल इंडिया के सीनियर प्रोग्राम मैनेजर अनल घोष का कहना है कि जरूरतमंदों तक इस सुविधा की जानकारी पहुंचाने के लिए एनजीओ, ट्रैफिक अथॉरिटी, वॉलेनटियर्स का सहारा लिया जा रहा है, ताकि यह जरूरी सुविधा हर जरूरतमंद तक पहुंचे जिसके पास स्मार्टफोन एक्सेस न हो। गूगल इसमें न केवल ज्यादा भाषाओं को शामिल करने पर काम कर रही है बल्कि आने वाले दिनों में इसमें और शहरों के शेल्टर्स को जोड़ा जाएगा।

कंपनी ने कोरोना से संबंधित कई कदम लिए

कोरोना वायरस की महामारी के दौरान गूगल ने अपने स्तर पर कई ऐसे कदम लिए हैं जिससे इस बात को सुनिश्चित किया जा सके कि लोग बीमारी के बारे में जागरूक हैं और उनके पास अपने स्तर पर इसके खिलाफ लड़ने के लिए जरूरी जानकारी है।

टेक कंपनी ने अलग से वेबसाइट बनाई है जिसमें केवल विश्वसनीय जानकारी है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और दुनिया भर की स्थानीय स्वास्थ्य अथॉरिटी से ली गई है, जिससे लोगों को बीमारियों के बारे में कोई गलत जानकारी न मिले।

कोरोना से लड़ाई में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन और विप्रो ने की 1125 करोड़ की मदद

देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में फिल्मी सितारों से लेकर उद्योगपति तक सब सामने आ रहे हैं।

देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और इनकी संख्या खबर लिखने के समय तक 1900 के आंकड़े को पार कर गई है। इस बीच, कोरोना के खिलाफ लड़ाई में फिल्मी सितारों से लेकर उद्योगपति तक सब सामने आ रहे हैं। अजीम प्रेमजी की अगुवाई में विप्रो लिमिटेड (Wipro Limited), विप्रो इंटरप्राइजेज लिमिटेड और अजीम प्रेमजी फाउंडेशन मिलकर 1125 करोड़ रुपये का योगदान देंगी।

इस 1,125 करोड़ की कुल राशि में से विप्रो लिमिटेड 100 करोड़ और विप्रो इंटरप्राइजेज लिमिटेड 25 करोड़ का योगदान देगी। इसके अलावा, बाकी बची राशि यानि 1000 करोड़ रुपये अजीम प्रेमजी फाउंडेशन देगी।

बनाई गई 1600 लोगों की टीम

बयान के मुताबिक, इन कामों के लिए अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के लोगों की 1600 लोगों की टीम बनाई गई है। इसके साथ ही 350 सिविल सोसायटी पार्टनर भी हैं जिनकी मौजूदगी पूरे देश में है। इन कदमों से विप्रो की टेक्नोलॉजी क्षमता, सिस्टम, इंफ्रास्ट्रक्चर और डिस्ट्रीब्यूशन की पहुंच का भी पूरा फायदा होगा।

साथ में यह भी कहा गया है कि, आधुनिक वैश्विक समाज ने इस तरह और स्तर के संकट का सामना नहीं किया है। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन और विप्रो का मानना है कि इस संकट का सब लोगों को साथ मिलकर सामना करना करना चाहिए और इसके असर को कम करना चाहिए। इसमें वंचितों की सबसे ज्यादा मदद करने की जरूरत है। इसके लिए वे पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं और सभी लोगों की सुरक्षा की कामना करते हैं.

कई उद्योगपति मदद के लिए आगे आए

देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए और स्वास्थ्य कर्मचारियों के सामने आई चुनौती की वजह से, कुछ दूसरे उद्योगपति भी संकट की इस स्थिति में लोगों की मदद करने के लिए सामने आए हैं। रतन टाटा की अगुवाई में टाटा ट्रस्ट, टाटा संस और टाटा ग्रुप की कंपनियां मिलकर कोरोना वायरस के राहत कोष में 1500 करोड़ रुपये देंगी।

आपको मालुम हो कि, महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप के आनंद महिंद्रा ने इससे पहले महिंद्रा के रिजॉर्ट्स को संक्रमित लोगों की केयर फैसिलिटी के तौर पर इस्तेमाल करने की पेशकश की थी। साथ ही, महिंद्रा ग्रुप वेंटिलेटर उपलब्ध कराने पर भी काम कर रहा है जो संक्रमित लोगों के इलाज में बहुत महत्वपूर्ण है।

कोरोना संकट के बीच पेटीएम ने किया बड़ा एलान, दवा बनाने के लिए देगी 5 करोड़ रुपये और अमेजन ने लिया ये फैसला

डिजिटल भुगतान से जुड़ी कंपनी पेटीएम (Paytm) ने एक बड़ा एलान किया है. पेटीएम ने कहा है कि वह कोरोना वायरस (Coronavirus) की दवा विकसित करने के लिए भारतीय शोधकर्ताओं को पांच करोड़ रुपये देगी, पेटीएम के संस्थापक और सीईओ विजय शेखर शर्मा ने रविवार को ट्वीट में यह बात कही।

डिजिटल भुगतान से जुड़ी कंपनी पेटीएम ने बड़ा एलान किया है। पेटीएम ने कहा है कि, वह कोरोना वायरस (Covid-19) की दवा विकसित करने के लिए भारतीय शोधकर्ताओं को पांच करोड़ रुपये देगी। पेटीएम के संस्थापक और सीईओ विजय शेखर शर्मा ने रविवार को ट्वीट में यह बात कही। बता दें कि, देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और इसकी रोकथाम व इलाज के लिए अभी तक कोई दवा नहीं है।

विजय शेखर शर्मा ने ट्वीट में लिखा, “हमें अधिक संख्या में भारतीय इनोवेटर्स, शोधकर्ताओं की जरूरत है जो वेंटिलेटर की कमी और कोविड-19 के इलाज के लिए देशी समाधान खोज सकें। पेटीएम संबंधित चिकित्सा समाधानों पर काम करने वाले ऐसे दलों को पांच करोड़ रुपये देगी ”।


विजय शेखर ने आईआईएससी, बेंगलुरु के प्राध्यापक गौरव बनर्जी के एक संदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए यह बात कही। बनर्जी ने अपने संदेश में किसी आपातकालीन स्थिति में देशी तकनीक का इस्तेमाल कर वेंटिलेटर बनाने की बात कही थी।

इंजीनियर्स बना रहे हैं प्रोटोटाइप

बनर्जी ने अपने संदेश में कहा है कि, उनकी एयरोस्पेस, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स की एक छोटी टीम भारतीय सामग्री का इस्तेमाल करते हुए एक वेंटीलेटर नमूना तैयार करने का प्रयास कर रही है। यह काम कोविड-19 के दौरान आपात स्थिति को देखते हुए किया जा रहा है। शर्मा ने कहा कि, उन्होंने अपने ट्विटर में सीधे संदेश भेजने का विकल्प खुला रखा है। इसमें संभावित टीम और नवीन खोज करने वालों की सूचना प्राप्त की जा सकती है।

पेटीएम के अलावा अमेजन ने भी लिया यह फैसला

इसके अलावा शनिवार, 21 मार्च को, ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनी अमेजन के संस्थापक और सीईओ जेफ बेजोस ने घोषणा किया कि, स्वास्थ्य और आर्थिक संकट के इस समय में, अमेज़न एक लाख नई भूमिकाओं के लिए लोगों को काम पर रखेगा, और साथ ही जो ऑर्डर पूरा कर रहे हैं और वितरित कर रहे हैं तनाव और उथल-पुथल के इस समय में अपने ग्राहकों के लिए उनके प्रतिदिन के कामगारों के लिए वेतन बढ़ाएगा।

जेफ बेजोस ने कहा, “इसी समय, रेस्तरां और बार जैसे अन्य व्यवसायों को भी बंद करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। हम आशा करते हैं कि, जिन लोगों का काम बंद कर दिया गया है वे हमारे साथ काम करेंगे जब तक कि वे नौकरियों में वापस जाने में सक्षम न हों।

कोरोनो वायरस के मामलों में बढ़ोत्तरी

बता दें कि, देश के अलग-अलग हिस्सों से ताजा मामले सामने आने के बाद सोमवार यानि 23 मार्च को दोपहर 2 बजे तक कोरोनो वायरस के मामलों की संख्या बढ़कर 429 हो गई। कुल मिलाकर दिल्ली, पटना, कर्नाटक, पंजाब और महाराष्ट्र से अब तक 41 विदेशी नागरिक और आठ मौत का मामला सामने आया है।

कोरोना वायरस (कोविड-19) का टेस्ट किट विकसित करने वाला पहला भारतीय लाइसेंस कंपनी बना अहमदाबाद का यह स्टार्टअप

CoSara ने 2014 में शुरू की गई ‘मेक इन इंडिया’ पहल के साथ खुद को संरेखित किया है। इसका लक्ष्य भारत को एक वैश्विक डिजाइन और विनिर्माण केंद्र में बदलना है।

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDVCO) द्वारा स्वीकृत की गई कोरोना वायरस टेस्ट किट, मूल रूप से को-डायग्नोस्टिक्स द्वारा डिज़ाइन की गई थी, जो कोविड-19 के निदान के लिए सीई अंकन प्राप्त करने वाली पहली यूएस-आधारित कंपनी है। आणविक नैदानिक परीक्षणों के विकास के लिए एक अद्वितीय, पेटेंट प्लेटफॉर्म के साथ, CoSara ने गुरुवार को घोषणा की कि, सह-निदान के साथ इस संयुक्त उद्यम के माध्यम से, यह भारतीय बाजार में इन किटों को बेचने और आसपास के क्षेत्रों में भी निर्यात करने की उम्मीद कर रहा है।

को-डायग्नोस्टिक्स के सीईओ ड्वाइट एगन ने कहा, “पेटेंटेड को प्राइमर तकनीक पर निर्मित उच्च-गुणवत्ता वाले परीक्षणों का दुनिया के सबसे बड़े हेल्थकेयर मार्केट के रूप में अनुमान लगाने पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि, हमारे संयुक्त उद्यम को-डायग्नोस्टिक्स को इस तरह की सफलता हासिल करने के लिए सम्मानित किया गया है।

CoSara ने 2014 में शुरू की गई ‘मेक इन इंडिया’ पहल के साथ खुद को संरेखित किया है। इसका लक्ष्य भारत को एक वैश्विक डिजाइन और विनिर्माण केंद्र में बदलना है। इसके बाद, स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने लाइसेंस के लिए की जाने वाले अनुमोदन प्रक्रिया को तेज कर दिया है।

भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सभी भारतीयों से कोरोनोवायरस से संक्रमित होने से बचने के लिए हर संभव प्रयास करने की अपील की। और साथ ही यह भी कहा कि दुनिया ने इस तरह के गंभीर खतरे को इससे पहले कभी नहीं देखा है।


प्रधानमंत्री मोदी ने 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे से ‘जनता कर्फ्यू’ का आह्वान करते हुए कहा कि आवश्यक कार्य अगर ना हो तो घर से बाहर ना निकलें। यही नहीं, मोदी ने एक राष्ट्रीय प्रसारण में कहा “यहां तक कि प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय ने भी दुनिया को इतना प्रभावित नहीं किया जितना कोरोना वायरस से हो रहा है।

उन्होंने लोगों से “उनके कुछ सप्ताह व उनके कुछ समय” का त्याग करने के लिए कहा। मोदी ने कहा कि कोरोनोवायरस का अभी तक कोई इलाज नहीं है, सुरक्षित रहने का एकमात्र तरीका घर के अंदर रहना है। “मैं देश के सभी लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे घर से तभी बाहर निकलें जब बेहद आवश्यक हो, कोशिश करें कि सभी काम घर से ही करें।

CoSara के निदेशक मोहाल साराभाई ने जानकारी दी कि, ” इस समय 52 सरकार द्वारा अनुमोदित परीक्षण सुविधाएं हैं और किट वितरित करना पहला लक्ष्य है, इसके अलावा कोविड-19 परीक्षण करने के लिए 60 मान्यता प्राप्त निजी प्रयोगशालाओं को लगाना है। कुल मिलाकर, हमारा लक्ष्य बाजार निजी होने के साथ-साथ सरकारी लैब भी होगा। ”

पिछले कुछ हफ्तों में, भारत ने अपने नागरिकों को वापस बुलाने, देश में यात्रा की व्यापक सीमा और अंततः देश की सीमाओं को बंद करने के लिए शुरुआती उपाय किए, जिससे 1.3 अरब की आबादी की सेवा के लिए स्वदेशी कोविड-19 परीक्षणों की मांग भी बढ़ गई है।

कोरोना वायरस के कारण ई-कॉमर्स पर लगे प्रतिबंधात्मक संचालन को मिले छूट, राज्यों को सरकार ने दिया आदेश

ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ अंतर-मंत्रिस्तरीय बैठक आयोजित की, ताकि लॉक-डाउन स्थिति में भी सामान की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।

भारत में कोरोना वायरस (कोविड-19) के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारों ने इस महामारी को रोकने के लिए बड़े कदम उठाए हैं। सामाजिक तौर पर किये गए बदलावों के बाद अब सरकार ने शारीरिक तौर पर भी दूरी बनाये रखने को कहा है। साथ ही, सभी लोगों को अपने घरों के अंदर रहने के लिए भी कहा गया है। इन प्रतिबंधों के बाद, देश में दैनिक आवश्यकताओं की वस्तुओं की मांग में वृद्धि दर्ज हुई है। हालांकि, सरकार के इस आदेश के पहले से ही लगभग पूरे भारत में घबराहट की स्थिति बनी हुई थी।

ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए, उपभोक्ता मामलों का विभाग कारवाई में जुट गया है। यह बताया गया कि, विभाग ने अब राज्यों से कहा है कि वे इस तरह की खरीद को रोकने के लिए प्रतिबंधात्मक आदेशों से ई-कॉमर्स परिचालन को छूट दें और आवश्यक वस्तुओं की डिलीवरी भी सुनिश्चित करें।

शुक्रवार को उपभोक्ता मामला विभाग ने फ्लिप -कार्ट, अमेज़ॅन और स्नैपडील जैसे ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ अंतर-मंत्रिस्तरीय बैठक आयोजित की, ताकि लॉक-डाउन स्थिति में भी सामान की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। यह छूट ई-कॉमर्स परिचालन, वेयर हाउसिंग, लॉजिस्टिक्स, थोक विक्रेताओं के विक्रेताओं और वितरण भागीदारों के लिए लागू होगी।

इसके अलावा, उपभोक्ता मामला विभाग ने ई-कॉमर्स फर्मों और उनके भागीदारों को अपनी सुविधाओं और वाहनों में उचित स्वच्छता बनाए रखने वाली बात पर भी जोर दिया है। साथ ही, यह भी कहा है कि इनका नियमित रूप से निरीक्षण और इन्हें कीटाणुरहित किया जा सके।

मालुम हो कि, अपने अंतिम सर्कुलर में उपभोक्ता मामलों के विभाग ने पहले से ही ई-कॉमर्स फर्मों को कोरोना वायरस (कोविड-19) के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए और कर्मचारियों और उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी वितरण प्रक्रियाओं में स्वच्छता बनाए रखने के लिए कहा था।

वहीं, एक तरफ जहां ई-कॉमर्स प्रमुख कंपनी फ्लिपकार्ट ने इस कदम का स्वागत किया है और इस संकट में उपभोक्ताओं को सभी आवश्यक चीजें देने के लिए तैयार है। वहीं, दूसरी तरफ कई अन्य विक्रेता इस निर्णय से नाखुश भी हैं और हो सकता है वो कोरोना वायरस के डर के कारण ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस का समर्थन नहीं कर सकते हैं।

ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस के अलावा, किराने की फर्मों जैसे ग्रोफर्स और बिग बास्केट ने भी किराने और दैनिक जरूरतों की सामानों में अचानक वृद्धि की सूचना दी है। अनुमान है कि, ई-कॉमर्स की तरह किराने की कंपनियां भी कई राज्य सरकारों द्वारा किये गए निषेधात्मक आदेशों से छूट का अनुरोध कर सकती हैं।

ऑल इंडिया व्यापार संघ ने 20 मार्च को घोषणा किया है कि, आज यानि 21 मार्च से अगले तीन दिनों के लिए राजधानी दिल्ली में सभी बाजार बंद रहेंगे। संघ के महासचिव, प्रवीण खंडेलवाल के अनुसार, देश भर के व्यापारी प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आह्वान किये गए जनता कर्फ्यू में भी भाग लेंगे।