कोरोना वायरस के कारण ई-कॉमर्स पर लगे प्रतिबंधात्मक संचालन को मिले छूट, राज्यों को सरकार ने दिया आदेश

ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ अंतर-मंत्रिस्तरीय बैठक आयोजित की, ताकि लॉक-डाउन स्थिति में भी सामान की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।

भारत में कोरोना वायरस (कोविड-19) के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारों ने इस महामारी को रोकने के लिए बड़े कदम उठाए हैं। सामाजिक तौर पर किये गए बदलावों के बाद अब सरकार ने शारीरिक तौर पर भी दूरी बनाये रखने को कहा है। साथ ही, सभी लोगों को अपने घरों के अंदर रहने के लिए भी कहा गया है। इन प्रतिबंधों के बाद, देश में दैनिक आवश्यकताओं की वस्तुओं की मांग में वृद्धि दर्ज हुई है। हालांकि, सरकार के इस आदेश के पहले से ही लगभग पूरे भारत में घबराहट की स्थिति बनी हुई थी।

ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए, उपभोक्ता मामलों का विभाग कारवाई में जुट गया है। यह बताया गया कि, विभाग ने अब राज्यों से कहा है कि वे इस तरह की खरीद को रोकने के लिए प्रतिबंधात्मक आदेशों से ई-कॉमर्स परिचालन को छूट दें और आवश्यक वस्तुओं की डिलीवरी भी सुनिश्चित करें।

शुक्रवार को उपभोक्ता मामला विभाग ने फ्लिप -कार्ट, अमेज़ॅन और स्नैपडील जैसे ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ अंतर-मंत्रिस्तरीय बैठक आयोजित की, ताकि लॉक-डाउन स्थिति में भी सामान की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। यह छूट ई-कॉमर्स परिचालन, वेयर हाउसिंग, लॉजिस्टिक्स, थोक विक्रेताओं के विक्रेताओं और वितरण भागीदारों के लिए लागू होगी।

इसके अलावा, उपभोक्ता मामला विभाग ने ई-कॉमर्स फर्मों और उनके भागीदारों को अपनी सुविधाओं और वाहनों में उचित स्वच्छता बनाए रखने वाली बात पर भी जोर दिया है। साथ ही, यह भी कहा है कि इनका नियमित रूप से निरीक्षण और इन्हें कीटाणुरहित किया जा सके।

मालुम हो कि, अपने अंतिम सर्कुलर में उपभोक्ता मामलों के विभाग ने पहले से ही ई-कॉमर्स फर्मों को कोरोना वायरस (कोविड-19) के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए और कर्मचारियों और उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी वितरण प्रक्रियाओं में स्वच्छता बनाए रखने के लिए कहा था।

वहीं, एक तरफ जहां ई-कॉमर्स प्रमुख कंपनी फ्लिपकार्ट ने इस कदम का स्वागत किया है और इस संकट में उपभोक्ताओं को सभी आवश्यक चीजें देने के लिए तैयार है। वहीं, दूसरी तरफ कई अन्य विक्रेता इस निर्णय से नाखुश भी हैं और हो सकता है वो कोरोना वायरस के डर के कारण ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस का समर्थन नहीं कर सकते हैं।

ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस के अलावा, किराने की फर्मों जैसे ग्रोफर्स और बिग बास्केट ने भी किराने और दैनिक जरूरतों की सामानों में अचानक वृद्धि की सूचना दी है। अनुमान है कि, ई-कॉमर्स की तरह किराने की कंपनियां भी कई राज्य सरकारों द्वारा किये गए निषेधात्मक आदेशों से छूट का अनुरोध कर सकती हैं।

ऑल इंडिया व्यापार संघ ने 20 मार्च को घोषणा किया है कि, आज यानि 21 मार्च से अगले तीन दिनों के लिए राजधानी दिल्ली में सभी बाजार बंद रहेंगे। संघ के महासचिव, प्रवीण खंडेलवाल के अनुसार, देश भर के व्यापारी प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आह्वान किये गए जनता कर्फ्यू में भी भाग लेंगे।